Hello my friends, I am Mahendra Sangawa. Me aap sab ke liye laya hu Ganesh Chaturthi and Teàchers day special post last tak read kre or comment krke btaye aapko hmari post kesi lgi . Thanks
गणपती सिर्फ़ देवता नहीं, बल्कि सर्वोच्च पद है। वे सबसे बङे शिक्षक हैं। उनका जीवन चरित्र हमें बहुत कुछ सिखाता है।
वे 5 शिक्षाएं, जो हमें गणेशजी देते हैं-
1- माता- पिता को संसार के बराबर माना.....
इसलिए, देवों में प्रथम पूज्य बने.....
मां पार्वती- पिता शिव ने कहा जो पृथ्वी का पहले चक्कर लगाकर आयेगा उसे ऐसा फल देंगे जिससे अथाह ज्ञान मिलेगा। कार्तिकेय तेजी से विश्व के चक्कर पर निकल गए। गणेशजी ने माता- पिता की ही परिक्रमा लगा ली।
2- गलतियों को क्षमा करेंगे तो ऊंचा उठेंगे.....
इसलिए, विशाल ह्रदय के........
अपनी सुंदरता के घमंड में चंद्रमा भगवान गणेश का आकार देखकर हंस पङे तो गणेशजी नाराज हो गए। श्राप दिया- चांदनी कालिमा मे बदल जाएगी। अपनी भूल पर चंद्रमा ने माफी मांग ली, गणेशजी ने क्षमा कर दिया।
3- आरंभ वही सही जो अंत तक पहुंचे.....
एकदंत हो गए..............
गणेशजी ने ही महाभारत लिखी। एक शर्त पर कि लिखने बैठेंगे तो रुकेंगे नही। वेद व्यास की शर्त- बिना समझे लिखोगे नहीं। अचानक उनकी कलम टूट गई। गणेशजी ने अपना एक दांत तोङा और उसी से लिखने लगे।
4- सुनो, सुनने से ही सब होगा......
इसलिए आकार ऐसा......
कान बङे है। अनाज साफ करने के सूप की तरह। जैसे अन्न में से दूषित तत्वों को फटककर दूर कर दिया जाता हैं। वैसे ही वे बुरी बातों को पहले ही दूर करने की प्रेरणा देते हैं। आंखे छोटी हैं, जो एकाग्रता बनाने का संकेत देती हैं।
5- जिसे कोई न अपनाए, उसे अपनाओ.......
इसलिए, वाहन भी छोटा........
त्र्रषि पाराशर के आश्रम के उत्पाती मूषक को पकङ लेने के बाद मूषक ने गणेशजी से वर मांगने की बात की। गणेशजी ने मूषक से वाहन बनने को कहा। मूषक उनका भार सह नहीं पाया और क्षमा मांग ली। गणेशजी ने क्षमा दी व मूषक को स्वीकार कर लिया।
ये गुरू, इसलिए भारत विश्व गुरु
दुनिया में सिर्फ भारत ही ऐसा देश जहां शिक्षक बनने के लिए इन्होंने सम्राट पद तक त्यागा।
1- चाणक्य- राजनिति- अर्थशास्त्र के प्रकांड पंडित, साधारण बालक को सम्राट बना दिया। विचार को व्यवहार में बदलने की सीख दी।
2- विष्णु शर्मा- पंचतंत्र के रचियता। तीन मुर्ख राजकुमारो को योग्य प्रशासक बना दिया।
3- आर्यभट्ट- महान गणितज्ञ और खगोल शास्त्री।
4- आदि शंकराचार्य- देश मे शास्त्रार्थ परंपरा शुरु की। जीवन मे तर्क को प्रमुख रखा। 4 पीठों की स्थापना की।
5- कबीर- संत व कवि। सरल दोहों के जरिए सामाजिक जीवन की कुरीतियों पर कटाक्ष किया।
6- सिद्धार्थ- समस्त राजसी वैभव को छोङकर ज्ञान के निकल गये। बुद्ध कहलाए। सिखाया- प्रशन पूछो, और उत्तर के लिए घूमो।
7- वर्धमान- तप किया। महावीर कहलाए। बताया- मनुष्य हो तो करुणा दिखाओ। अंहिसा का मार्ग दिखाया।
8- अशोक- महानतम सम्राट। सम्पुर्ण भारत को एक किया। कलिंग युद्ध के बाद जीवन बुद्ध की शिक्षाएं पहुंचाने में लगाया।
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गणपती सिर्फ़ देवता नहीं, बल्कि सर्वोच्च पद है। वे सबसे बङे शिक्षक हैं। उनका जीवन चरित्र हमें बहुत कुछ सिखाता है।
वे 5 शिक्षाएं, जो हमें गणेशजी देते हैं-
1- माता- पिता को संसार के बराबर माना.....
इसलिए, देवों में प्रथम पूज्य बने.....
मां पार्वती- पिता शिव ने कहा जो पृथ्वी का पहले चक्कर लगाकर आयेगा उसे ऐसा फल देंगे जिससे अथाह ज्ञान मिलेगा। कार्तिकेय तेजी से विश्व के चक्कर पर निकल गए। गणेशजी ने माता- पिता की ही परिक्रमा लगा ली।
2- गलतियों को क्षमा करेंगे तो ऊंचा उठेंगे.....
इसलिए, विशाल ह्रदय के........
अपनी सुंदरता के घमंड में चंद्रमा भगवान गणेश का आकार देखकर हंस पङे तो गणेशजी नाराज हो गए। श्राप दिया- चांदनी कालिमा मे बदल जाएगी। अपनी भूल पर चंद्रमा ने माफी मांग ली, गणेशजी ने क्षमा कर दिया।
3- आरंभ वही सही जो अंत तक पहुंचे.....
एकदंत हो गए..............
गणेशजी ने ही महाभारत लिखी। एक शर्त पर कि लिखने बैठेंगे तो रुकेंगे नही। वेद व्यास की शर्त- बिना समझे लिखोगे नहीं। अचानक उनकी कलम टूट गई। गणेशजी ने अपना एक दांत तोङा और उसी से लिखने लगे।
4- सुनो, सुनने से ही सब होगा......
इसलिए आकार ऐसा......
कान बङे है। अनाज साफ करने के सूप की तरह। जैसे अन्न में से दूषित तत्वों को फटककर दूर कर दिया जाता हैं। वैसे ही वे बुरी बातों को पहले ही दूर करने की प्रेरणा देते हैं। आंखे छोटी हैं, जो एकाग्रता बनाने का संकेत देती हैं।
5- जिसे कोई न अपनाए, उसे अपनाओ.......
इसलिए, वाहन भी छोटा........
त्र्रषि पाराशर के आश्रम के उत्पाती मूषक को पकङ लेने के बाद मूषक ने गणेशजी से वर मांगने की बात की। गणेशजी ने मूषक से वाहन बनने को कहा। मूषक उनका भार सह नहीं पाया और क्षमा मांग ली। गणेशजी ने क्षमा दी व मूषक को स्वीकार कर लिया।
ये गुरू, इसलिए भारत विश्व गुरु
दुनिया में सिर्फ भारत ही ऐसा देश जहां शिक्षक बनने के लिए इन्होंने सम्राट पद तक त्यागा।
1- चाणक्य- राजनिति- अर्थशास्त्र के प्रकांड पंडित, साधारण बालक को सम्राट बना दिया। विचार को व्यवहार में बदलने की सीख दी।
2- विष्णु शर्मा- पंचतंत्र के रचियता। तीन मुर्ख राजकुमारो को योग्य प्रशासक बना दिया।
3- आर्यभट्ट- महान गणितज्ञ और खगोल शास्त्री।
4- आदि शंकराचार्य- देश मे शास्त्रार्थ परंपरा शुरु की। जीवन मे तर्क को प्रमुख रखा। 4 पीठों की स्थापना की।
5- कबीर- संत व कवि। सरल दोहों के जरिए सामाजिक जीवन की कुरीतियों पर कटाक्ष किया।
6- सिद्धार्थ- समस्त राजसी वैभव को छोङकर ज्ञान के निकल गये। बुद्ध कहलाए। सिखाया- प्रशन पूछो, और उत्तर के लिए घूमो।
7- वर्धमान- तप किया। महावीर कहलाए। बताया- मनुष्य हो तो करुणा दिखाओ। अंहिसा का मार्ग दिखाया।
8- अशोक- महानतम सम्राट। सम्पुर्ण भारत को एक किया। कलिंग युद्ध के बाद जीवन बुद्ध की शिक्षाएं पहुंचाने में लगाया।
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